मिल नहीं सकते कभी नदिया के दो तीर
लहरों को है मोहब्बत
साहिल से बहुत
मगर रह जाता है साहिल पर
उनके आंसुओं का नीर
डूबते सूरज की भी
जाने क्या है आरज़ू
आभास देता है समंदर से मिलन का
मगर अगले दिन
फिर वही जुस्तज़ू
उषा और निशा को भी है
तड़प बस मिलन की
एक आती भी है तो साथ लाती है अपने
घड़ी वही बिछुड़न की...
चार हैं दिशाएं जो तकती हैं एक दूजे को
हम ना मिल पाएं चाहे, नज़रें मिलती हैं
कह जाती हैं खामोश निगाहें
बहुत कुछ एक दूजे को...
दो कदम हैं जो साथ-साथ हैं पड़ते
हमकदम होकर भी हम,
हमदम कभी हो नहीं सकते...
लहरों को है मोहब्बत
साहिल से बहुत
मगर रह जाता है साहिल पर
उनके आंसुओं का नीर
डूबते सूरज की भी
जाने क्या है आरज़ू
आभास देता है समंदर से मिलन का
मगर अगले दिन
फिर वही जुस्तज़ू
उषा और निशा को भी है
तड़प बस मिलन की
एक आती भी है तो साथ लाती है अपने
घड़ी वही बिछुड़न की...
चार हैं दिशाएं जो तकती हैं एक दूजे को
हम ना मिल पाएं चाहे, नज़रें मिलती हैं
कह जाती हैं खामोश निगाहें
बहुत कुछ एक दूजे को...
दो कदम हैं जो साथ-साथ हैं पड़ते
हमकदम होकर भी हम,
हमदम कभी हो नहीं सकते...
सुन्दर रचना.
ReplyDeleteहिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.
कृप्या अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य का एक नया हिन्दी चिट्ठा शुरू करवा कर इस दिवस विशेष पर हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार का संकल्प लिजिये.
बहुत कुछ एक दूजे को...
ReplyDeleteदो कदम हैं जो साथ-साथ हैं पड़ते
हमकदम होकर भी हम,
हमदम कभी हो नहीं सकते...
BEHAD KHUBSOORAT ........BAHUT HI SUNDAR
सुंदर भाव .. अच्छी रचना !!
ReplyDeletekhoob kaha dost
ReplyDeleteमित्र आपकी रचनाओं में हमेशा विरह का रस मिलता है। अत्यंत सुन्दर रचना।
ReplyDeleteऔर हाँ जरा श्रृंगार रस के दर्शन भी दे दिया कीजिये।
ReplyDeletekhooooooooooooooooooooooooob kaha acha h.
ReplyDeletedil ki baat juban pr aagai dost....
ReplyDeletemai janta hoon ye tum kaun se nadiya ke teer ki baat kar rhe ho.. ha ha ha ha
चार हैं दिशाएं जो तकती हैं एक दूजे को
ReplyDeleteहम ना मिल पाएं चाहे, नज़रें मिलती हैं
कह जाती हैं खामोश निगाहें
बहुत कुछ एक दूजे को...
Apke ye shabd kavita k shishak ko aur zada mazbuti de rahe ha.....behad pyari kavita ha...dil ko chhuti hui...
काफी सुन्दर शब्दों का प्रयोग किया है आपने अपनी कविताओ में सुन्दर अति सुन्दर
ReplyDeleteदिल के सुंदर एहसास .............
ReplyDeleteबहुत से गहरे एहसास लिए है आपकी रचना ...
ReplyDeleteमुझे आपका ब्लोग बहुत अच्छा लगा ! आप बहुत ही सुन्दर लिखते है ! मेरे ब्लोग मे आपका स्वागत है !
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