रग़ रग़ में प्यार भर जाता है
और जीवन संवर जाता है
प्यार करो तो जानो यारों
प्यार में ऐसा होता है...
प्यार मिले जब प्यार से अपने
प्यार में महके तन मन सारा
देखो अपने दिल को देखो
दिल खोया खोया रहता है
प्यार करो तो जानो यारों
प्यार में ऐसा होता है...
फुलवारी लगे ये दुनिया सारी
ख़ुशियों से हो अपनी यारी
हर सुबह लगे नई सी
हर पल नया नया सा लगता है
प्यार करो यो जानो यारों
प्यार में ऐसा होता है...
प्यार में मानो जिसको अपना
जब वो बेगाना-सा हो जाता है
आंख से दरिया बहता है और
दिल रह-रह कर रोता है
प्यार करो तो जानो यारों
प्यार में ऐसा होता है...
नहीं कुछ अच्छा लगता मन को
हर अपना भी बेगाना लगता है
प्यार मिले ना प्यार से अपने
तब फिर ऐसा होता है
प्यार करो तो जानो यारों
प्यार में ऐसा होता है...
नींद कहां फिर आती है
इस दिल का चैन खो जाता है
सदियों से लंबी लगती रातें
पल-पल सांसों पर भारी हो जाता है
प्यार कभी ना करना यारों
प्यार में ऐसा होता है...
प्यार में ऐसा होता है...
Wednesday, November 4, 2009
प्यार में ऐसा होता है...
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भाई वाह ऐसा ही होता है .......अतिसुन्दर!
ReplyDeleteनींद कहां फिर आती है
ReplyDeleteइस दिल का चैन खो जाता है
सदियों से लंबी लगती रातें
पल-पल सांसों पर भारी हो जाता है
सचमुच प्यार में ऐसा ही होता है। मुझे आश्चर्य होता है जब प्यार के सुख से वंचित व्यक्ति भी प्यार की इतनी सजीव व्याख्या करता है। वशिष्ठ जी अब तो प्यार के सुख सागर में गोते लगा ही लीजिये। वरना सारी ज़िन्दगी प्यार की कमी महसूस होती रहेगी। वैसे रचना आपके विचाराधीन दूधिये/सफ़ेद प्यार की तरह खूबसूरत है।
Pyaar...jitna khubsurat ehsas utni khubsurat apki ye rachna....
ReplyDeleteप्यार मिले जब प्यार से अपने
प्यार में महके तन मन सारा
देखो अपने दिल को देखो
दिल खोया खोया रहता है
Sach me...jab pyar mile tab dil khoya khoya ho hi jata ha....
kya baat hai bhai pyaar pyaar likhte ho
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