Thursday, June 18, 2009

जाते जाते...

हमने उन्हें रोका तो बहुत जाते-जाते...
वो रुके तो नहीं,
मगर अपनी याद छोड़ गए जाते जाते...
हाथों में हाथ लिए...
आंखों से ही ढेरों बातें करते...
बातों में होती थी नोंक झोंक भी,
फिर भी सदा मुस्कुराते रहते...
उनका मुड़ मुड़ कर देखना जाते जाते...
याद आता है बहुत,
उनका इठलाना जाते जाते...
प्यार था जो दिल में छुपा,
ज़ाहिर किया था हमने...
मगर वो दिल की बात को,
दिल ही में रखने का मशवरा दे गए जाते जाते...
कैसे कहें अब कैसे हैं हम...
शरीर मात्र ही रह गया है यहां.
आत्मा तो वही ले गए जाते जाते...

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